भारतीय बजट का इतिहास कई उल्लेखनीय तथ्यों और अनूठी परंपराओं से भरपूर है | और यही सब इसकी विकसित प्रकृति और देश की अर्थव्यवस्था पर इसके महत्वपूर्ण प्रभाव को उजागर करता है | आईये, भारतीय बजट से जुड़ी ऐसे ही कुछ दिलचस्प तथ्यों को जानते हैं:
पहला बजट: आर.के. शनमुखम चेट्टी ने स्वतंत्र भारत का पहला बजट 26 नवंबर, 1947 (भारत के स्वतंत्र होने के 7 महीने के अंदर) पेश किया था। 📅🇮🇳
सबसे लंबा भाषण: डॉ. मनमोहन सिंह का 1991 का बजट भाषण लगभग 2.5 घंटे तक चला जिस में कई परिवर्तनकारी आर्थिक सुधारों की शुरुआत की गयी जिसने भारतीय अर्थव्यवस्था को उदार बनाया। 📢⏳
पहली महिला: पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी 1970 में भारतीय बजट पेश करने वाली पहली महिला थीं | यह भारतीय अर्थव्यवस्था और राजनीति के इतिहास में एक महत्वपूर्ण बिंदु बना। 👩⚖️📊
रेलवे बजट विलय: 2017 में रेलवे बजट को आम बजट में मिला दिया गया, जिससे 92 साल पुरानी प्रथा समाप्त हो गई और प्रक्रिया सुव्यवस्थित हो गई। 🚂📂
ब्लैक बजट: 1973-74 के बजट में ₹550 करोड़ का तथाकथित राजकोषीय घाटा था, जिससे इसे "ब्लैक बजट" का उपनाम मिला। 🖤💸
शनिवार बजट: 1999 तक बजट फरवरी के आखिरी कार्य दिवस पर शाम 5 बजे पेश किया जाता था। पूर्व वित्त मंत्री यशवन्त सिन्हा की बदौलत इसे बदलकर सुबह 11 बजे कर दिया गया। 🌞📅
डिजिटल बजट: 2021 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पारंपरिक कागजात के बजाय टैबलेट का उपयोग करके भारत का पहला पेपरलेस बजट पेश किया। ये डिजिटल इंडिया की तरफ हमारे देश की एक महत्वपूर्ण पहल थी। 📱🌐
हलवा समारोह: एक अनूठी परंपरा जहां हलवा तैयार किया जाता है और बजट की तैयारी में शामिल पूरे स्टाफ को परोसा जाता है | ये बजट मुद्रण प्रक्रिया की शुरुआत का प्रतीक है। 🍮🎉
पंडित नेहरू का भाषण: 1958 में, प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू को बजट पेश करना पड़ा क्योंकि वित्त मंत्री टी. टी. कृष्णामाचारी ने प्रस्तुति से ठीक पहले इस्तीफा दे दिया था। 📜🇮🇳
ये सभी तथ्य भारत की वित्तीय योजना की गतिशील प्रकृति और देश के आर्थिक परिदृश्य को आकार देने में बजट की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाते हैं। ✨📈
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